क्या हुआ जो तू हार गया , जान की हार तुझे क्या सीखा गया , पहनेगा कभी तू भी जीत का हार , कभी न हिम्मत हार। यह तो इस दुनिया का वसूल है , हार के बाद ही जीत का सुकून है , करेगा तू भी एक दिन नैया पार , कभी न हिम्मत हार। कह गए है श्री कृष्णा गीता में , पूरा सार है कर्म के योग में , बहाता रह कर्म की धार , कभी न हिम्मत हार। चार लोगो के ...